उत्तल दर्पण और अवतल दर्पण में अंतर तथा इनके उपयोग

आज के इस पोस्ट में हम उत्तल दर्पण और अवतल दर्पण में अंतर स्पष्ट रूप से समझने का प्रयास करेंगे। यह पोस्ट उन सभी विद्यार्थियों के लिए है जिनको यह टॉपिक आसानी से समझ में नही आता है. इस लिये newsiapost.com यह पोस्ट लेकर आया हुआ हैं।

आज हम अपनी इस पोस्ट के जरिये आप सबको बताएंगे कि अवतल दर्पण तथा उत्तल दर्पण किसे कहते हैं ? अवतल दर्पण और उत्तल दर्पण में क्या अंतर होता है ? इसके आलावा अवतल दर्पण और उत्तल दर्पण के उपयोग  के उपयोग कहाँ कहाँ होतें हैं। तो चलिए इस लेख को शुरू करने से पहले इस लेख के टेबल को देख लेते हैं।

अवतल दर्पण तथा उत्तल दर्पण में अंतर

अवतल दर्पण तथा उत्तल दर्पण की परिभाषा

अवतल दर्पण किसे कहते हैं ?

अवतल दर्पण को समझने से पहले आइये दर्पण किसे कहते हैं, इसको समझते हैं?

दर्पण एक प्रकार का परावर्तक सतह होती है जो अपने ऊपर पड़ने वाले प्रकाश को परावर्तित कर देता है जिससे एक छवि बनती है | जब हम किसी वस्तु को दर्पण के समक्ष रखते हैं तो दर्पण में उसी वस्तु की परछाई दिखायी देती है. परछाई को प्रतिबिम्ब कहा जाता है। आइये अब अवतल दर्पण को देखते हैं।

अवतल दर्पण एक प्रकार का गोलीय दर्पण होता है जिसमें एक परावर्तक सतह होती है. यह परावर्तक सतह दर्पण में अंदर की ओर से उभरा हुआ रहता है। अत: वह दर्पण जिसकी परावर्तक सतह अंदर की ओर उभरा हुआ होता है, उसे  अवतल दर्पण कहते हैं।

उत्तल दर्पण किसे कहते हैं ?

उत्तल दर्पण भी अवतल दर्पण की तरह ही एक प्रकार का गोलीय दर्पण है। लेकिन  इस दर्पण में परावर्तक सतह बाहर की ओर से उभरा हुआ होता है। इस तरह से निर्मित  सभी दर्पण को उत्तल दर्पण कहलातें हैं।

उत्तल दर्पण और अवतल दर्पण के उदाहरण

ये दोनों ही दर्पण हमारे दैनिक जीवन में बहुत उपयोगी होते हैं। आइये देखते हैं , उत्तल दर्पण और अवतल दर्पण के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण –

अवतल दर्पण के उदाहरण :- मोटर वाहनों के हेड लाइट्स में अवतल दर्पण का उपयोग किया जाता है।, दूरबीन के निर्माण में, मशाल रोशनी में।

उत्तल दर्पण के उदाहरण :- वाहनों के साइड मिरर में उत्तल लेंस का उपयोग किया जाता है। साइड मिरर का उपयोग वाहनों में दाहिने और बाएं ओर से गुजरने वाले वाहनों को देखने के लिए किया जाता है। ऑप्टिकल वाद्ययंत्रों में भी उत्तल लेंस का उपयोग किया जाता है। घंटी कॉलिंग, आदि के भी रियर साइड मिरर।

अवतल दर्पण और उत्तल दर्पण के उपयोग

अवतल दर्पण और उत्तल दर्पण दोनों ही हमारें दैनिक जीवन में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं तो आइये देखते, उत्तल दर्पण तथा अवतल दर्पण के उपयोग –

अवतल दर्पण का उपयोग

  • पुरुष इसका उपयोग अपने दैनिक जीवन में अपनी बढ़ी हुई दाढ़ी को सेविंग करने के लिया करता है।
  • छोटे छिद्र जैसे आंख, कान एवं नाक के अंदर के हिस्सों को देखने के लिए डॉक्टर द्वारा उपयोग में अवतल दर्पण लाया जाता है।
  • वाहनों  के शीर्ष लाइट एवं सर्च लाइट में अवतल दर्पण का  प्रयोग किया जाता है।
  • खाना पकाने के लिए  सोलर कुकर में अवतल दर्पण का प्रयोग किया जाता है ।

उत्तल दर्पण का उपयोग

  • इसका उपयोग वाहनों में चालक की सीट के पीछे जो इसके आलावा सीट होती है उसको देखने के लिए किया जाता है.
  • सोडियम परावर्तक लाइन के निर्माण में उत्तल दर्पण का प्रयोग किया जाता है । उत्तल दर्पण और अवतल दर्पण के उपयोग को देखने के बाद चलिए इन दोनों के बीच के अंतर को देखते हैं.

उत्तल दर्पण और अवतल दर्पण में अंतर | Difference between Convex Mirror and Concave Mirror

आइये  उत्तल दर्पण और अवतल दर्पण में अंतर को समझते हैं –

उत्तल दर्पण (Convex Mirror) अवतल दर्पण (Concave Mirror)
इस दर्पण में परावर्तक सतह बाहर की ओर उभरा हुआ होता है । इस दर्पण में  परावर्तक सतह हमेशा अंदर की ओर उभरा हुआ होता है।
उत्तल दर्पण पर पड़ने वाला प्रकाश बाहर की ओर प्रतिबिम्बित होता है। अवतल दर्पण अपने ऊपर पड़ने वाले प्रकाश को अंदर की ओर प्रतिबिंबित करता है।
उत्तल दर्पण में प्रत्येक स्थिति में प्रतिबिंब दर्पण के पीछे बनता है, और वस्तु से छोटा, सीधा तथा आभासी बनता है। अवतल दर्पण से निर्मित प्रतिबिंब वास्तविक तथा उल्टा बनता है।
उत्तल दर्पण से बना हुआ प्रतिबिंब हमेशा वस्तु के मूल साइज़ से छोटा बनता होता है। अवतल दर्पण से बना हुआ प्रतिबिंब वस्तु के मूल आकार से बड़ा होता है।
उत्तल दर्पण में वस्तु का प्रतिबिंब बनने के लिए केवल  दो ही परिस्थितियों ज़िम्मेदार होती हैं। अवतल दर्पण से वस्तु का प्रतिबिंब बनने की कुल 06 परिस्थितियों होती हैं।

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उत्तल दर्पण को क्या कहा जाता है?

इस दर्पण का अंग्रेजी नाम convex mirror / कान्वेक्स मिरर भी है.

गोलीय दर्पण कितने प्रकार के होते हैं?

दर्पण मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं जो निम्नलिखित हैं

  • उत्तल दर्पण
  • अवतल दर्पण
  • समतल दर्पण

उत्तल दर्पण का दूसरा नाम क्या है?

इसको अभिसारी दर्पण भी कहा जाता है..

दर्पण और लेंस में क्या अंतर है?

इनके बीच निम्नलिखित उदाहरण पाया जाता है.

                                     लेंस                                     दर्पण 
लेंस एक समांगी पारदर्शी माध्यम होता है. दर्पण का ओर कलई किया होता है.
लेंस दो पृष्ठों से मिलकर बना होता है, जिसमे कम से कम एक पृष्ठ वक्राकार होता है. दर्पण गोलाकार या समतल होता है.
लेंस प्रकाश की किरणों को या तो एक केंद्र पर एकत्रित कर देता है या फिर फैला देता है. प्रकाश की किरणों को दर्पण दूसरी दिशा में एकत्र कर देता है जिसके कारण किसी चित्र का निर्माण होता है.
लेंस बनावट के आधार पर दो प्रकार का होता है. 

1 उत्तल लेंस.  2 अवतल लेंस

दर्पण तीन प्रकार का होता है जो निम्न हैं 

  1. समतल दर्पण
  2. उत्तल दर्पण
  3. अवतल दर्पण

गाड़ी के शीशे में कौन सा दर्पण होता है?

वाहनों के शीशे में उत्तल दर्पण का उपयोग किया जाता है.

उम्मीद है कि हमने जिस उद्देश्य से इस पोस्ट को लिखा था वो पूरा हो गया होगा। इस लेख के जरिये आप सभी को उत्तल दर्पण और अवतल दर्पण में अंतर ज्ञात हो गया  होगा। हमने इस लेख में  उत्तल दर्पण और अवतल दर्पण के अंतर को उदाहरण के द्वारा समझाने का प्रयास किया है। 

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