अभाज्य संख्या किसे कहते हैं | Abhajya Sankhya Kise Kahate Hain

अभाज्य संख्या किसे कहते हैं, सबसे छोटी अभाज्य संख्या, सबसे बड़ी अभाज्य संख्या [Abhajya Sankhya Kise Kahate Hain, Prime Number in hindi ]

 आज हम जानेंगे की अभाज्य संख्या किसे कहते है, इसकी परिभाषा, अर्थ, प्रकार, विशेषता सभी कुछ जानेगे  क्योकिं विद्यार्थियों में इस बात को लेकर अक्सर  कन्फ्यूज़न होता हैं  कि आखिर ये अभाज्य संख्या होती क्या है. इसी समाधान का हल हम इस आर्टिकल मे जानेंगे.

 अभाज्य संख्या क्या होती हैं – Abhajya Sankhya Kise Kahate Hain

अभाज्य संख्या किसे कहते हैं

वे संख्याएं जो केवल एक से विभाजित होती हैं या फिर स्वयं से विभाजित होती हैं, ऐसी संखाओं को अभाज्य संख्या कहा जाता है. अभाज्य संख्या के शब्द में ही अभाज्य शब्द जुड़ा हुआ है जिसका शाब्दिक अर्थ है जिसका भाज्य ना हो, आइये इसके कुछ उदाहरण देखते हैं, जिससे यह आपको और अच्छे से समझ आएगा.

 जैसे 2,3,5,7,11,13,17 ……… अनंत  तक हो सकती या इसकी कोई सीमा नहीं होती अर्थात अभाज्य  संख्या अनंत होती है. 

उपर्युक उदाहरण में 2 को देखे तो 2 एक से विभाजित होती है या फिर स्वयं से इसलिए 2 को अभाज्य संख्या कहा जा सकता है.

उम्मीद है आपको अभाज्य संख्या किसे कहते हैं समझ में आ गया होगा, लेकिन अभी इससे जुड़े और भी तथ्य हैं जिहें आपका जानना बहुत जरुरी है, इसलिए अभी पोस्ट को आप अंत तक पढ़े

किसे कहते है आखिर अभाज्य संख्या- (Abhajya Sankhya Kise Kahate Hain)

गणित विषय में अभाज्य संख्या एक एसी धनात्मक पूर्णाक संख्या है, जिसके केवल दो गुणनखंड होता है. अर्थात मान लीजिए की कोई संख्या A हैं, तो उसका गुणनखंड 1 और A होंगा. इस तरह की संख्या को अभाज्य संख्या कहते हैं. इस तरह की परिभाषा धनात्मक + पूर्णाक या प्राकृत संख्या में लागू होता है.

सीधी भाषा में हम इस प्रकार से कह सकते हैं कि धनात्मक पूर्णाक संख्या जो 1 और स्वयं के आलावा किसी भी अन्य संख्या से विभाजित नहीं होती है. अर्थात जिन संख्या का गुणनखंड 1 के अतिरिक्त किसी भी अन्य संख्या से ना हो उसे हम अभाज्य संख्या कहते हैं.

 अभाज्य संख्या निकालने का फार्मूला

अभाज्य संख्या को ज्ञात करने के दो महत्त्वपूर्ण नियम है. जो इस प्रकार है.

 पहला नियम

अगर कोई संख्या अभाज्य है, तो उसे हम 6n + 1 या 6n – 1 के रूप में लिखेंगे और अगर हम किसी संख्या 6n + 1 और 6n – 1 के रूप में लिखते है तो वो अभाज्य संख्या हो भी सकती हैं, और भी नहीं भी हो सकती हैं.

 उदाहरण के लिए जैसे मान ले 49 इसे हम 6 x 8+1 के रूप में लिख सकते है. लेकिन 49 अभाज्य संख्या नहीं है, लेकिन यदि 53 को 6 x 9 – 1 के रूप में लिख सकते है. यहां 53 एक अभाज्य संख्या है लेकिन यदि इसका प्रयोग जब भी करे तब विपरीत रूप में है कि भी इस बात को ध्यान रखना होता है.

 दूसरा नियम

अभाज्य संख्या की ये विधि सबसे अच्छी विधि है. क्योकिं इस विधि से बहुत ही अच्छे तरीके से और आसानी से बता सकते है कि अभाज्य संख्या क्या हैं, आइये इसको एक उदाहरण से जानते हैं.

 मान लीजिए  185  एक संख्या है.  पहले आपको ये जानना  है की ये एक अभाज्य संख्या है कि नहीं,  बस आपको थोड़ा सा इसे समझना होगा. सबसे पहले तो ये की 185 का वर्गमूल किन दो धनात्मक + संख्या के बीच में होगा आप ये आसानी से देख सकते है.

यह वर्गमूल 13 और 14 के बीच में है. आपको उससे कम सभी अभाज्य संख्या को उल्टे क्रम में लिखना है। और यह क्रम में इस प्रकार है।11,7,5,3, और 2 होंगी अब आप ही बताइए 185 इनमें से किसे विभाजित होगा या नहीं और आप आसानी से 185/5 को विभाजित करेंगे तो ये विभाजित हो जाता है. अतः 185 अभाज्य संख्या नहीं है.

अभाज्य संख्या की विशेषता या गुण

(1) अभाज्य संख्या केवल 1 और स्वयं से विभाजित होती हैं.

(2) अभाज्य संख्या की परिभाषा केवल प्राकृतिक संख्याओं पर ही लागू होती है.

(3) अभाज्य संख्याओं का कोई निश्चित नियम नही होता उन्हे परिभाषा के आधार पर ही प्राप्त करना पड़ता हैं.

(4) अभाज्य संख्या 0 और 1 से बड़ी होती हैं.

(5)1 पूर्ण संख्या अभाज्य संख्या होती है.

(6) अभाज्य संख्या में  केवल दो गुणनखंड होते हैं.

(7)अभाज्य संख्या 1 और स्वयं के अतिरिक्त किसी से भी विभाजित नहीं होती हैं.

(8) अभाज्य संख्या को ज्ञात करने की विधि को गुणनखंड कहते है.

(9) आभाज्य संख्या को रूढ़ संख्या भी कहा जाता हैं.

                 उदाहरण के लिए 23=1 x 23

                                         37=1 x 37

                                         59=1 x 59

(10) अभाज्य संख्या धनात्मक और पूर्णाक रूप में होती हैं.

(11) आभाज्य संख्याओं की संख्या अनंत होती है.

(12)अब तक कि खोज के अनुसार ,82589933 सबसे बड़ी आभाज्य संख्या है.                                       

 1 से 100 तक कि आभाज्य संख्या (Prime numbers in hindi )

आभाज्य संख्या के समूह में 0 और 1 शामिल नहीं है. 1 से 100 तक के प्राकृत संख्या में केवल 25 आभाज्य संखाएं  है. यह प्रणाली परिभाषा के अनुसार कार्य करती हैं, जिससे सबसे छोटी आभाज्य संख्या 2 होती है.

 

1 से 50 तक के बीच की अभाज्य संख्याएं  – {अभाज्य संख्या किसे कहते हैं}

 

2 13 31
3 17 37
5 19 41
7 23 43
11 29 47

 50 से 100 के बीच की अभाज्य संख्याएं  {अभाज्य संख्या किसे कहते हैं}

53  55       61   67

71  73      79   83       89

 1 से 10 तक अभाज्य संख्या 

2, 3, 5, 7,

 

अभाज्य संख्या का इतिहास

1550 ई.पु. जब मिश्र के प्रधानमंत्री ने संयुक्त संख्या को अलग – अलग रूपों में विस्तार से बताया है, लेकिन फिर भी अभाज्य संख्या का स्पष्ट अध्ययन  के सबसे पुराने  प्राचीन यूनानी गणित से प्राप्त होते है. अभाज्य संख्या का इतिहास 1000 ईसवी के आसपास का है. इस प्रकार हमने देखा कि अभाज्य संख्या का इतिहास काफी पुराना है. जिसका परीक्षण कई ईसवी पूर्व से ही किया जा रहा है. कई सफल हुए तो कई असफल.

उम्मीद है इस पोस्ट में अभाज्य संख्या किसे कहते हैं, सबसे छोटी अभाज्य संख्या, सबसे बड़ी अभाज्य संख्या [Abhajya Sankhya Kise Kahate Hain, Prime Number in hindi ] की जानकारी आपको समझ आ गयी होगी.

इन्हें भी पढ़ें

 

 

Leave a Comment