जीव विज्ञान किसे कहते हैं इस प्रश्न का इस लेख में पूरे विस्तार से चर्चा की गयी है. यदि आपका भी प्रश्न है कि बायोलॉजी किसे कहते हैं
तो इस लेख को पूरा पढ़िए. इस लेख को पढ़ने के बाद आप विज्ञान की तीनों भाग को आसानी से समझ सकेंगे. तो चलिए शुरू करते हैं इस लेख को.
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जीव विज्ञान किसे कहते हैं – बायोलॉजी किसे कहते हैं
बायोलॉजी शब्द को हिंदी में जीव विज्ञान कहते हैं. जीव विज्ञान, विज्ञान का एक शाखा है.
इसके अतिरिक्त विज्ञान की दो और शाखाएं भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान हैं. आइये जानते हैं जीव विज्ञान की परिभाषा क्या है?
जीव विज्ञान किसे कहते हैं, परिभाषा बताइए
जीव विज्ञान दो शब्दों से मिलकर बना है. जिसमें जीव + विज्ञान शब्द हैं.
अतः जीव विज्ञान को आसान शब्दों में कुछ इस प्रकार परिभाषित कर सकते हैं
” विज्ञान की वह शाखा जिसमें हम जीवों का अध्ययन करते हैं जीव विज्ञान या बायोलॉजी कहते हैं”.
पृथ्वी पर अनेक जीव पाए जाते हैं और उनके अध्ययन के लिए जीव विज्ञान का सहारा लिया जाता है.
बायोलॉजी की खोज के बाद ही पृथ्वी जगत पर डॉक्टर का अस्तित्व सामने आ पाया है और मनुष्यों का जीवन इतना आसान हो पाया है.
डॉक्टर की पढ़ायी करने के लिए जीव विज्ञान सबसे महत्वपूर्ण विषय होता है.
” परिभाषा – जीव विज्ञान में हम जीवों के अध्ययन, उनके विकास, उनके कार्यों एवं उनके वर्गीकरण का अध्ययन करते हैं”. जीव विज्ञान किसे कहते हैं? अर्थात बायोलॉजी किसे कहते हैं? इसे अब तक आप समझ गये होंगे. अब चलिए जानते हैं जीव विज्ञान की कितनी शाखाएं हैं.
जीव विज्ञान की शाखाओं के नाम
जीव विज्ञान एक विशाल क्षेत्र है इसको जीवों के अध्ययन के आधार पर निम्नलिखित भागों में विभाजित किया गया है.
जैव प्रौद्योगिकी
आने वाले समय विज्ञान की इस शाखा जैव विज्ञान का बहुत तेजी से विकास होने वाला है. इस विज्ञान के द्वारा मानव जीवन को बहुत आसान बनाया जा सकेगा.
इस विज्ञान का उपयोग मानव में होने वाली बीमारियों से भी निजात दिलाने में भी किया जाता है. इसके द्वारा मानव के किसी भी अंग का निर्माण किया जा सकता है.
वनस्पति विज्ञान- वनस्पति विज्ञान किसे कहते हैं
इसको अंग्रेजी में बॉटनी कहा जाता है. इस विज्ञान के अंतर्गत पेड़ और पौधों का अध्ययन किया जाता है.
इस विज्ञान को अध्ययन करने वाले वैज्ञानिक को वनस्पति वैज्ञानिक कहलाते हैं.
वनस्पति विज्ञान को सबसे पहले अध्ययन करना शुरू कर दिया गया था. इसे प्राकृतिक विज्ञान भी कहा जाता है.
जूलोजी विज्ञान
विज्ञान की इस शाखा में पशुओं का अध्ययन किया जाता है. इस विज्ञान में जीवों और पर्यावरण के बीच के सम्बन्ध को भी पढ़ा जाता है.
मानव जीवन के लिए पृथ्वी पर अन्य जीवों के विद्यमान रहना बहुत ज़रूरी होता है. सरकार द्वारा समय- समय पर जीवों के संरक्षण के लिए योजनाओं का भी निर्माण किया जाता है.
जिस जीव की प्रजाति विलुप्ति के पर कगार होती है तो उनका संरक्षण किया जाता है.
एनाटोमी
इस विज्ञान के अंतर्गत जीवों के आंतरिक भागो की संरचना का अध्ययन किया जाता है. इसके द्वारा मानव जीव एवं पशुओं की आंतरिक भाग की संरचना की जानकारी प्राप्त होती है.
फिजियोलोजी
विज्ञान की फिजियोलोजी शाखा में मानव तंत्र एवं मानव शरीर की विशेषताओं का विस्तार से अध्ययन किया जाता है.
इसके द्वारा ही मानव को किसी समस्या से बचाया जा सकता है. इसके द्वारा ही मानव की प्रतिरोधक क्षमता की जानकारी प्राप्त होती है.
पारिस्थितिकी
इसके तहत जीवों और पर्यावरण के मध्य में संतुलित वातावरण को स्थापित करना है. इसमें जीवों के आवास का भी अध्ययन किया जाता है. इसके द्वारा ही पृथ्वी को संतुलित करने का भी प्रयास किया जाता है.
जंतु विज्ञान किसे कहते हैं
जीव विज्ञान की वह शाखा जिसमें जीव और जन्तुओं के बारे में जानकारी एकत्र की जाती है , उसे जंतु विज्ञान कहते हैं.
इसके तहत सम्पूर्ण जीवित प्राणी, जंतुओं के व्यवहार, जीवन की शैली , उनके स्वभाव, उत्पत्ति, जीवन चक्र इत्यादि शामिल हैं.
जीव विज्ञान में मुख्य रूप से जीवों का अध्ययन किया जाता है, इसलिए आइये जानते हैं जीवों को कितने प्रकार में वर्गीकृत किया जा सकता है.
अब तक इस लेख में हमने बायोलॉजी किसे कहते हैं, जीव विज्ञान किसे कहते हैं, जीव विज्ञान की परिभाषा और उनके प्रकार को पढ़ चुके हैं. अब आइये जीवों के वर्गीकरण का अध्ययन करते हैं.
अरस्तू के अनुसार – जीवधारियों का वर्गीकरण
इन्होंने जीव विज्ञान के तहत जीवों को दो भागों में विभाजित किया है.
- जंतु समुदाय
- वनस्पति समुदाय
जंतु समुदाय –जंतु समुदाय में पृथ्वी जगत के सभी जीवों को शामिल किया है. इस समुदाय में सबसे छोटा जीव और सबसे बड़ा जीव सभी को जंतु समुदाय की श्रेणी में एक साथ रखा गया है.
वनस्पति समुदाय – इस समुदाय में अरस्तू ने सभी पौधों के समुदाय को वनस्पति समुदाय के अंतर्गत रखा गया है.
लीनियस वैज्ञानिक के अनुसार जीवधारियों का वर्गीकरण
इन्होंने ने भी जीवों को दो भागों में विभाजित किया है. जिसमें जंतु समुदाय और पादप समुदाय को शामिल किया गया है.
आरएच व्हिटेकर की वर्गीकरण प्रणाली (जीवों का वर्गीकरण )
इन्होंने जीवधारियों को पांच भागों में विभाजित किया गया है.
मोनेरा Monera | मोनेरा ग्रुप में उन सभी जीवों को रखा गया है जो एककोशिकीय प्रोकेरियोटिक प्रकृति के होते हैं.
इसके उदाहरण कुछ इस प्रकार हैं – बैक्टीरिया, नील हरित शैवाल इत्यादि. |
प्रोटिस्टा Protista | प्रोटिस्टा में उन सभी जीवों को शामिल किया गया है, जो एककोशिकीय है, किंतु यूकैरियोटिक प्रकृति के हैं।
अर्थात इनमे वो सभी जीव शामिल हैं जिनके विकसित अंग होते हैं उदाहरण – यूग्लीना, पैरामीशियम |
पादप Plant | पादप में उन सभी प्राणियों को रखा गया है, जो रंगहीन बहूकोशिकीय होते हैं एवं उर्जा प्रकाश संश्लेष्ण से एकत्र करते हैं अर्थात प्रकाश संश्लेषी उत्पादक जीव होते हैं. |
कवक Fungi | इसमें वे सभी प्राणी को शामिल किया गया है जो यूकैरियोटिक तथा परपोषी होते हैं,
परपोषी अपने भोजन के लिए किसी दुसरे जीव पर आश्रित होते हैं. |
एनिमलिया Annimalia | एनिमलिया जगत में बहुकोशिकीय जीव सम्भोजी यूकैरियोटिक जीवो को रखा गया है, इन सभी की प्रक्रति उपभोगता वादी होती है. |
पूछे गये प्रश्न
- वनस्पति विज्ञान,
- जंतु विज्ञान,
- सूक्ष्म जीव विज्ञान
केमिस्ट्री के पिता कौन हैं?
एंटोनी लेवोज़ियर को केमिस्ट्री के पिता का दर्जा दिया गया है.
उम्मीद है इस पोस्ट के माध्यम से जीव विज्ञान किसे कहते हैं अथवा बायोलॉजी किसे कहते हैं समझ में आ गया होगा. आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूलें.
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