परिमेय संख्या किसे कहते हैं, परिमेय संख्या class 8 to 9, [Parimey Sankhya Kise Kahate Hain, Parimey Sankhya class 8 , class 9 ]
परिमेय संख्या मैथमेटिक्स सब्जेक्ट का एक महत्वपूर्ण टॉपिक है. छोटी कक्षा से लेकर हायर एजुकेशन तक इस टॉपिक से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं. यह टॉपिक बहुत छोटा है लेकिन इसकी क्लियर जानकारी ना होने की वजह से हम कई बार गलती कर देते हैं. तो चलिए इस लेख में हम आपको बहुत ही सरल भाषा में समझाते हैं की परिमेय संख्या किसे कहते हैं.
यह हम पूरे दावे के साथ कहते हैं कि अगर आपने इस लेख को पूरी सावधानीपूर्वक और ध्यान लगाकर पढेंगे तो आपको परिमेय संख्या कभी भी नहीं भूलेगी. इस लेख में हम परिमेय संख्या के बारे में सब कुछ विस्तार से पढ़ेंगे और उसके साथ ही आपको यह भी बताएंगे कि पूर्णांक किसे कहते हैं, प्राकृतिक संख्या किसे कहते हैं और पूर्ण संख्या किसे कहते हैं क्योंकि यह सभी कई बार कंफ्यूज कर देते हैं. इसलिए आप इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें जिससे आपको यह टॉपिक पूरे अच्छे से समझ आ जाए क्योंकि इन सभी बिंदुओं को हम बहुत ही आसान भाषा में हम आपको समझाने जा रहे हैं.
Table of Contents
परिमेय संख्या किसे कहते हैं – Parimey Sankhya Kise Kahate Hain
(Parimey Sankhya) परिमेय संख्या की परिभाषा और परिमेय संख्या किसे कहते हैं को बताने से पहले आपको यह स्पष्ट कर दें कि p/q में यदि q का मान 0 होगा तो यह संख्या कभी भी 0 नहीं हो सकती है.
परिमेय संख्या की परिभाषा
एक पूर्णाक से दूसरे पूर्णाक में भाग देने के पश्चात जो न्यूनतम संख्या प्राप्त होती है उसे ही परिमेय संख्या कहा जाता है.
हम परिमेय संख्या की परिभाषा को इस प्रकार भी परिभाषित कर सकते हैं.
वह संख्या जिसे अंश और हर के रूप में अर्थात p /q के रूप में व्यक्त किया जा सकता है ,उसे हम परिमेय संख्या कहते हैं.
परिमेय संख्या के प्रकार
जिस प्रकार संख्या धनात्मक और ऋणात्रामक हो सकती है, उसी के आधार पर परिमेय संख्या को भी दो भागों में बांटा जा सकता है.
- धनात्मक परिमेय संख्या
- ऋणात्मक परिमेय संख्या
धनात्मक परिमेय संख्या की परिभाषा- धनात्मक परिमेय संख्या किसे कहते हैं
वह परिमेय संख्या जिसके अंश और हर दोनों ही धनात्मक होते हैं, उस परिमेय संख्या को धनात्मक परिमेय संख्या कहा जाता है.
जिस प्रकार हम उपर्युक्त पंक्तियों में पढ़ चुके हैं कि परिमेय संख्या को अंश और हर के रूप में लिखा जा सकता है, उसी प्रकार ही धनात्मक परिमेय संख्या भी अंश और हर के रूप में ही होगी. बस यहां पर यह नई शर्त जुड़ जाती है कि दोनों संख्यायें अंश और हर धनात्मक होनी चाहिए.
ऋणात्मक परिमेय संख्या की परिभाषा – Rinatamk Parimey Sankhya Kise Kahate Hain
वह परिमेय संख्या जो अंश और हर के रूप में व्यक्त की जा सकती है और उसमें से कोई एक या तो अंश या फिर हर ऋणात्मक होते हैं तो उस परिमेय संख्या को ऋणात्मक संख्या कहा जाता है.
परिमेय संख्या का सूत्र
आपको बता दें परिमेय शब्द की उत्पत्ति पद शब्द से हुई है, जिसका शाब्दिक अर्थ अनुपात होता है और आपको पता होगा 3:4 को ¾ भी लिखा जा सकता है. यहां पर तीन और दो दोनों प्राकृतिक संख्याएं हैं.
इसी प्रकार प्राकृतिक संख्याओं को एक सूत्र के द्वारा व्यक्त करें तो
परिमेय संख्या = p/q यहां पर भी और p और q दोनों पूर्णांक हैं लेकिन यहां पर जिस q का उपयोग हर के रूप में किया गया है, इसका मान कभी भी 0 नहीं हो सकता है.
उदाहरण के रूप में देखे तो
P= 3
Q = 2
तो इसे परिमेय संख्या के रूप में कुछ इस प्रकार लिखा जा सकता है
P/Q= 3/2
नोट– सभी भिन्न संख्याएं परिमेय संख्याएं होती हैं ,और साथ ही दशमलव में जिन संख्याओं को व्यक्त किया जाता है, वह संख्याएं भी परिमेय संख्या होती है, आइये उदाहरण से आप को समझाते हैं.
5/4 एक भिन्न संख्या है और इसे अंश और हर के रूप में लिखा गया है, और परिमेय संख्या होने की यह शर्त है, कि परिमेय संख्या अंश और हर के रूप में लिखी जाती है इसलिए सभी भिन्न संख्याएं परिमेय संख्याएं होती हैं.
.5 को हम कुछ इस प्रकार भी लिख सकते हैं 5/10 इसीलिए कहा जाता है कि जितनी भी दशमलव संख्याएं होती हैं वह सभी परिमेय संख्याएं होती है.
आइए अब आपको समतुल्य परिमेय संख्या के बारे में बता देते हैं
समतुल्य परिमेय संख्या या तुल्य परिमेय संख्या किसे कहते हैं
एक परिमेय संख्या को हम अलग अलग अंश और हर का प्रयोग करते हुए लिख सकते हैं. आइए समतुल्य परिमेय संख्या को को उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं.
जैसे 2/3 को 4/6 भी लिखा जा सकता है. इसी प्रकार 2 /3 को 8/12 भी लिखा जा सकता है
परिमेय संख्याओं का गुण-Parimey Sankhya ki quality
- दो परिमेय संख्याओं को जोड़ने, घटाने, गुना, या भाग करने पर पर हमेशा एक परिमेय संख्या ही प्राप्त होती है.
- किसी भी परिमेय संख्या के अंश और हर में किसी एक ही यानी कि किसी बराबर संख्या से गुणा या फिर भाग किया जाए तो प्राप्त होने वाली संख्या हमेशा परिमेय संख्या होती है. इसे ही तुल्य परिमेय संख्या कहा जा सकता है.
- हमेशा परिमेय संख्याओं का योगफल और गुणनफल क्रमविनिमेय साहचर्य होती है.
- परिमेय संख्या को अंश और हर के रूप में लिखा जा सकता है.
- परिमेय संख्याएं ऋण आत्मक और धनात्मक दोनों प्रकार की हो सकती है.
- संख्या 0 ना तो एक धनात्मक संख्या है और ना ही ऋण आत्मक परिमेय संख्या है.
- किसी भी दो परिमेय संख्या के बीच असीमित यानी कि असंख्य परिमेय संख्याएं हो सकती हैं.
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
परिमेय संख्या को कैसे पहचाने
वह संख्या जो p/q के रूप में अर्थात अंश और हर के रूप में लिखी जा सकती हैं वह सभी संख्याएं परिमेय संख्या होती हैं इसी के आधार पर आप आसानी से समझ सकते हैं कि कौन सी संख्या परिमेय संख्या है और कौन से नहीं.
परिमेय संख्या कितनी है.
किसी भी परिमेय संख्याओं को दो भागों में बांटा जा सकता है, जिसमें पहले भाग को धनात्मक परिमेय संख्या कहते हैं और दूसरे भाग को ऋणात्मक परिमेय संख्या कहते हैं.
परिमेय संख्या का उदाहरण क्या है
1, .5 , ⅗ आदि परिमेय संख्याओं का उदाहरण हैं.
परिमेय और अपरिमेय संख्या क्या है
हम परिमेय संख्याओं को अंश और हर के रूप में लिख सकते हैं जबकि अपरिमेय संख्याओं को अंश और हर के रूप में नहीं लिखा जा सकता है.
क्या 7 बटा 0 (7/0) परिमेय संख्या है?
जैसा कि हमने शुरुआत में ही आपको बताया था कि परिमेय संख्याओं की जो सबसे बड़ी शर्त है कि हर कभी भी जीरो नहीं हो सकता और यहां पर 7/0 में हर जीरो है इसलिए यह संख्या एक परिमेय संख्या नहीं हो सकती है.
0.4 क्या यह परिमेय संख्या होगी
जैसा कि 0.4 को 4/10 के रूप में भी लिखा जा सकता है, इसलिए कहा जा सकता है 0.4 भी एक परिमेय संख्या है.
दो परिमेय संख्याओं के बीच कितनी परिमेय संख्या है हो सकती है
जैसा कि हमने उपर्युक्त भाग में ही आपको बताया है कि दो परिमेय संख्याओं के बीच में अनंत और असीमित परिमेय संख्या हो सकती अर्थात इन दोनों के बीच इतनी परिमेय संख्याएं होंगी किन को गिना नहीं जा सकता है.
22/7 कौन सी संख्या है
इस 22/7 संख्या को देखने पर हमको पता चलता है कि यह संख्या अंश और हर के रूप में लिखी गई है. इसलिए यह एक परिमेय संख्या होगी.
उम्मीद है आपको इस पोस्ट में परिमेय संख्या किसे कहते हैं, परिमेय संख्या class 8 to 9, [Parimey Sankhya Kise Kahate Hain, Parimey Sankhya class 8 , class 9 ] समझ आ गया होगा.
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