पृथ्वी का जन्म कैसे हुआ, यह सवाल बहुत ही उलझा हुआ है. वैज्ञानिक के बीच में अभी भी इसको लेकर मतभेद कि आखिर वों कौन सा कारक था जिससे पृथ्वी का जन्म हो गया.
इस लेख में हम जानेगें की दुनिया कैसे बनी. चलिए शुरू करते हैं लेख को.
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पृथ्वी का जन्म कैसे हुआ- Duniya kaise bani
पृथ्वी के जन्म से पहले सौर मंडल का जन्म हो गया था. सौर मंडल में सबसे शक्तिशाली सूर्य था.
ऐसा कहा जाता है कि सूर्य से एक टुकड़ा टूटने के कारण पृथ्वी का जन्म हुआ था. जब सूर्य से यह टुकड़ा टुटा था तब यह बहुत गर्म था और जब यह धीरे धीरे ठंडा हुआ तभी पृथ्वी का निर्माण हुआ था.
पृथ्वी को तीन भागों में बाटा गया है. सबसे ऊपरी भाग को क्रस्ट, बीच वाले भाग को मेंटल और सबसे नीचे वाले भाग को कोर कहा जाता है.
हम लोग जिस भाग पर निवास करते हैं उसे क्रस्ट कहते हैं.
क्रस्ट कठोर होता है,
मेंटल भाग में पिघला हुआ मैग्मा से भरा होता है.
नीचला भाग पुनः कठोर होता है.
पृथ्वी के भाग
पृथ्वी को तीन भागों में विभाजित किया गया है जो निम्न हैं
- क्रस्ट
- मेंटल
- क्रोड़
क्रस्ट का निर्माण-
जब सूर्य से एक टुकड़ा अलग हुआ था तब वो बहुत गर्म था और पिघले हुए अवस्था में था.
जब यह टुकड़ा धीरे धीरे ठंडा होने लगा तो सबसे पहले उपरी भाग ठंडा हुआ जिसे क्रस्ट का नाम दिया गया. क्रस्ट कठोर होता है.
मेंटल- पृथ्वी का जन्म कैसे हुआ
पृथ्वी के मेंटल वाले भाग में तरल अवस्था में मैग्मा भरा होता है. यही मैग्मा ज्वालामुखी के समय पृथ्वी की सतह पर आता है.
मेंटल भाग में तापमान अधिक होने के कारण इसमें उपस्थित पदार्थ पिघल जाते हैं. पृथ्वी के आंतरिक भाग में जैसे जैसे जाते है वैसे वैसे तापमान बढ़ता जाता है.
तापमान बढ़ने के कई कारण हैं.
क्रोड़
यह पृथ्वी का सबसे नीचे उपस्थित होता है. इस भाग को माना जाता है कि यह भाग कठोर होता है.
आज भी पृथ्वी के आंतरिक भाग की जानकारी को लेकर वैज्ञानिक के बीच मतभेद हैं.
पृथ्वी की आंतरिक संरचना का पता भूकंप की तरंगों के द्वारा किया जाता है.
चंद्रमा की उत्पत्ति
वैज्ञानिकों को मानना है कि जिस तरह से पृथ्वी सूर्य से टूटकर बनी थी वैसे ही पृथ्वी का एक टुकड़ा टूट गया था जिससे चन्द्रमा का निर्माण हुआ था.
चाँद को पृथ्वी का उपग्रह माना जाता है.
उम्मीद है इस पोस्ट से आपको आपके प्रश्न पृथ्वी का जन्म कैसे हुआ का उत्तर प्राप्त हो गया होगा.
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