विधुत आवेश किसे कहते हैं, विधुत आवेश का मात्रक, विधुत आवेश की परिभाषा (What is electric charge)
प्रिय विद्यार्थियों इस आर्टिकल में हम भौतिक विज्ञान यानी कि फिजिक्स के स्थिर वैद्युत चैप्टर से संबंधित एक महत्वपूर्ण टॉपिक विद्युत आवेश के बारे में पढ़ने वाले हैं.
विद्युत आवेश के नाम से थोड़ा बहुत पता चल जाता है कि इसका संबंध विद्युत मतलब इलेक्ट्रिक से होगा लेकिन असल मायने में विद्युत आवेश किसे कहते हैं, विद्युत आवेश के गुण क्या होते हैं, विद्युत आवेश की परिभाषा क्या है, इन सब को इस लेख में आप पूरे विस्तार से पढ़ने वाले हैं.
बस आपसे एक गुजारिश रहेगी कि आप आर्टिकल को शुरुआत से लेकर अंत तक जरूर पढ़ें हम पूरा भरोसा करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पढ़ने के बाद विद्युत आवेश बहुत अच्छे से समझ में आएगा और कभी आप भूलेंगे नहीं.
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विद्युत आवेश की परिभाषा- definition of electric charge
(Electric charge ) विद्युत आवेश को अंग्रेजी में इलेक्ट्रिक चार्ज कहा जाता है. जिस प्रकार पदार्थ में कई गुण होते हैं उसी प्रकार से विद्युत आवेश भी पदार्थ का 1 गुण होता है.
उदाहरण से हम समझने की कोशिश करें तो
जैसे कोई व्यक्ति बहुत मुस्कुराता है तो यह मुस्कुराना उस व्यक्ति का गुण है तो उसी प्रकार से विद्युत आवेश भी किसी पदार्थ का एक गुण होता है आइए विद्युत आवेश को परिभाषा से समझने की कोशिश करते हैं.
विद्युत आवेश की परिभाषा – What is electric charge
आवेश पदार्थ का वह गुण है जिसके कारण वह विद्युत एवं चुंबकीय प्रभाव उत्पन्न करता है या विद्युत एवं चुंबकीय प्रभाव का अनुभव करता है.
अर्थात आवेश एक सामान्य सा गुण है किसी पदार्थ का जिसके कारण हम उस पदार्थ के चारों और किसी विद्युत का अनुभव करते हैं.
इतना पढ़ने के बाद आपके मन में यह प्रश्न तो जरूर आ रहा होगा कि क्या प्रत्येक पदार्थ में आवेश का गुण होता है?
तो आपको बता दें सामान्य अवस्था में प्रत्येक प्रमाणु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या उसके नाभिक में उपस्थित प्रोटानो की संख्या के बराबर होती है और जब किसी पदार्थ में इलेक्ट्रॉनों की संख्या और नाभिक में प्रोटॉनो की संख्या बराबर होती है तो वह पदार्थ उदासीन अवस्था में होता है यानी कि उसमें विद्युत का गुण तो है लेकिन वह मौजूदा वक्त में उदासीन अवस्था में है.
तो अभी तक आपने देखा कि विद्युत आवेश किसी पदार्थ का 1 गुण होता है जिसके कारण उस पदार्थ के चारों ओर किसी विद्युत या चुंबकीय क्षेत्र का अनुभव किया जाता है और प्रत्येक पदार्थ में विद्युत आवेश का गुण होता है लेकिन वह मौजूदा वक्त में उदासीन होता है.
अब आपके मन में यह प्रश्न आना बहुत जरूरी है कि किसी भी पदार्थ को हम विद्युत उदासीनता की अवस्था से कैसे बाहर लाकर उसमें वैद्युत आवेश के गुण को उत्पन्न कर सकते हैं?
किसी भी पदार्थ के परमाणु की विद्युत उदासीनता को समाप्त करके आवेशित कणों को उत्पन्न किया जा सकता है.
विद्युत् आवेश से सम्बन्धित महत्वपूर्ण पॉइंट
इलेक्ट्रॉनों की कमी वस्तु को धन आवेश बनाती है एवं अधिकता ऋण आवेश बनाती है.
समान प्रकृति के आवेश एक दूसरे को प्रतिबंधित करते हैं एवं आसमान प्रकृति के आवेश एक दूसरे को आकर्षित करते हैं. यानी कि जब किसी दो परमाणु में प्लस प्लस का चार्ज होता है तो दोनों एक दूसरे को प्रति कृषित करते हैं वही जब एक में प्लस और एक में माइनस होता है तो दोनों एक दूसरे को आकर्षित करते हैं.
विद्युत आवेश का मात्रक- What is unit of electric charge
आवेश का एसआई मात्रक एंपियर x सेकंड= कुलाम c होता है.
आवेश के गुण – विधुत आवेश किसे कहते हैं- What is quantization of electric charge
आइए अब आपको बता दें आवेश के प्रमुख गुणों के बारे में
1. आवेश स्थानांतरणनीय हैं अर्थात आवेश एक वस्तु से दूसरी वस्तु की ओर स्थानांतरित हो सकता है.
2. आवेश सदैव द्रव्यमान से जुड़ा रहता है अर्थात कोई भी आवेश द्रव्यमान के बिना संभव नहीं है अर्थात आवेश द्रव्यमान रहित नहीं हो सकता है यद्यपि द्रव्यमान आवेश रहित हो सकता है.
3. आवेश सदैव संरक्षित रहता है अर्थात आवेश को ना तो उत्पन्न किया जा सकता है और ना ही नष्ट किया जा सकता है.
4. वेग पर निर्भरता.. यह आवेशित कण वेग पर निर्भर नहीं करता है.
किसी भी पदार्थ में विद्युत आवेश के गुण उत्पन्न करने की विधियां methods of electric charge
किसी भी वस्तु को निम्नलिखित विधियों के द्वारा आवेशित किया जा सकता है.
घर्षण के द्वारा
- दो वस्तुओं को आपस में रगड़ने से इनके मध्य इलेक्ट्रॉनों के स्थानांतरण के कारण अवश्य आसानी से आवेशित हो जाते हैं दोनों वस्तुओं पर बराबर तथा विभिन्न प्रकार के आवेश उत्पन्न होते हैं.
- किसी कांच की एक छड़ को रेशम के कपड़े के साथ रगड़ा जाता है तो इस अवस्था में छण धनात्मक एवं रेशम का कपड़ा ऋणआत्मक हो जाता है. छण के द्रव्यमान में कमी इसके द्वारा खोए गए इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान के बराबर होती है. अर्थात जब छण और रेशम के कपड़े को रगड़ा जाता है तो छड़ के तापमान में जो कमी होती है वह खो गए इलेक्ट्रॉनों के द्रव्यमान के बराबर होती है.
- एबोनाइट की छड़ को ऊंन से रगड़ने से छड़ ऋणावेशित और ऊन धन आवेशित हो जाता है.
- सूखे बालों में कंघी करने से कंघी आवेशित हो जाती है और फिर इसे किसी कागज के छोटे टुकड़े को आकर्षित किया जा सकता है.
- जब कोई एयरक्राफ्ट रनवे से उड़ान भरता है या तो रनवे पर उतरता है उनके टायर जब रनवे पर बने ट्रैक से घर्षण करते हैं आवेशित हो जाते हैं.
आवेश एवं द्रव्यमान में अंतर Differnece between electric charge and mass
आवेश – Charge | द्रव्यमान – Mass |
विद्युत आवेश धनात्मक ऋणआत्मक या शून्य हो सकता है | द्रव्यमान हमेशा धनात्मक होता है या कभी भी ऋणआत्मक या शून्य नहीं हो सकता है. |
किसी वस्तु पर उपस्थित आवेश उसके वेग पर निर्भर नहीं करता है. अर्थात जब वस्तु गतिमान अवस्था में होती है या फिर स्थिर अवस्था में होती है इस पर आवेश सदैव एक समान रहता है. | किसी वस्तु का द्रव्यमान उसके वेग के साथ बढ़ता जाता है अर्थात जैसे-जैसे उस वस्तु का वेग बढ़ता है उस वस्तु के द्रव्यमान में भी बढ़ोतरी होती है. |
आवेश क्वांटीकृत है | द्रव्यमान का क्वांटीकृत अभी तक स्थापित नही किया जा सका है. |
विद्युत आवेश हमेशा संरक्षित रहता है अर्थात ना इसे उत्पन्न किया जा सकता है और ना ही नष्ट किया जा सकता है. | द्रव्यमान संरक्षित नहीं होता है इसे उर्जा में एवं ऊर्जा को द्रव्यमान में परिवर्तित किया जा सकता है. |
दो आवेशों के बीच आकर्षण एवम प्रतिकर्षण दोनो में से कोई एक बल लगता है | द्रव्यमान की स्थिति में हमेशा गुरुत्वाकर्षण बल आकर्षित होता है. |
उम्मीद करते हैं आपको इस लेख के माध्यम से विधुत आवेश किसे कहते हैं, विधुत आवेश का मात्रक, विधुत आवेश की परिभाषा (What is electric charge)आदि बिंदु समझ में आ गये होंगे यदि इससे सम्बन्धी कोई प्रश्न तो कमेंट करके पूछ सकते हैं.
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