वृत्त की परिभाषा, व्यास की परिभाषा, वृत्त की त्रिज्या का सूत्र को बताइए | vritt ki paribhasha, circle in hindi

इस लेख को पढने के बाद आपको निम्न बिन्दुओं की समझ हो जाएगी, वृत्त की परिभाषा, व्यास की परिभाषा, वृत्त की त्रिज्या का सूत्र वृत किसे कहते हैं  vritt ki paribhasha, circle in hindi, vrat ka kshetrafal आदि की जानकरी हो जाएगी.

आप से निवेदन है की आप इसको अच्छी तरह से याद कर लें ये आपको वृत्त के सभी सवालों को हल करने में आपकी मदद करेगा.

वृत्त की परिभाषा

वृत्त की परिभाषा, व्यास की परिभाषा, वृत्त की त्रिज्या का सूत्र

किसी एक निश्चित बिंदु के चारों ओर का स्थित समान दूरी पर बिंदुओं को मिलाने पर जो गोलाकार आकृति का निर्माण होता है,

उसी को वृत्त कहते हैं दूसरे शब्दों में, और आसान भाषा में कह तो,

एक बिंदु होता है और उस बिंदु से चारों समान दूरी पर स्थित जितने भी बिंदु होते हैं सभी को मिलाने पर जिस गोला नुमा आकृति का निर्माण होता है,

उसी  को ही वृत्त कहते हैं.

किसी भी वृत्त के केंद्र पर स्थित बिंदु को केंद्रक कहते हैं, इसी केंद्रक से चारों तरफ स्थित बिंदुओं को मिलाया जाता है. तब जाकर वृत्त का निर्माण होता है.

केन्द्रक को अग्रेजी में centre कहते हैं जिसे c से लिखते हैं.

वृत्त की परिधि 

वृत्त का निर्माण जिस रेखा के द्वारा होता है, उसे वक्र रेखा कहते हैं. और इसी वक्र रेखा की लंबाई को वृत की परिधि के नाम से जाना जाता है.

अर्थात यह कह सकते हैं कि केंद्र के चारों तरफ जो रेखा खिंची होती है उसी को ही वृत्त की परिधि कहते हैं.

किसी भी वृत्त में निम्नलिखित बिंदु होते हैं

1.वृत्त की परिधि 

2. वृत्त का  केंद्र 

3. वृत्त का व्यास

4. वृत्त की त्रिज्या

5. वृत्त की  जीवा

आइए दोस्त अब इन सभी को बारी बारी विस्तार से समझ लेते हैं, जिसके बाद आपको किसी भी वृत्त के बारे में सारी जानकारियां हो जाएंगी.

वृत्त की त्रिज्या 

किसी भी वृत्त के केंद्र को परिधि  से मिलाने वाली रेखा को त्रिज्या का नाम दिया जाता है,

अर्थात वृत्त के केंद्र पर परिधि को मिलाने वाली रेखा त्रिज्या कहलाती है. इसे r से लिखते हैं.

वृत्त का व्यास

वह रेखाखंड जो केंद्र से होकर जाता है, और परिधि के दो बिन्दुओं में आपस में जोड़ता है, उस रेखा खण्ड को वृत्त का व्यास कहते हैं.

अर्थात परिधि पर स्थित दो बिंदुओं को मिलाने वाली रेखा, जो वृत्त के केंद्र से होकर गुजरती है, तो उस रेखा को व्यास कहते हैं.

व्यास त्रिज्या की दोगुनी होती है.  यदि हमको किसी किसी वृत्त की त्रिज्या ज्ञात होती है,

तो हम उससे वृत्त की त्रिज्या को दोगुना करके वृत्त के ब्यास को भी ज्ञात कर सकते हैं.

Chord of the circle -वृत्त की जीवा

वृत्त के परिधि पर स्थित दो बिंदुओं मिलाने वाली रेखा वृत्त की जीवा के रूप में जानी  जाते हैं,

आपको बता दें कि वृत्त की व्यास वृत्त की सबसे बड़ी जीवा कहलाती है. जब वृत्त की कोई भी जीवा केंद्र से होकर गुजरती है तो उसे वृत्त के ब्यास के नाम ने जाना जाता है.

Arc of the circle- वृत्त का चाप 

वृत्त के चाप को समझना बहुत ही आसान है. वृत्त की परिधि के किसी भी खण्ड को वृत्त का चाप कहते हैं

वृत्त का त्रिज्यखण्ड

जैसा की इसके नाम से ही स्पष्ट होता है की त्रिज्य खण्ड एक क्षेत्र है जो त्रिज्या के द्वारा घिरा होता है.

त्रिज्यखंड शब्दों अलग अलग करके देखे तो यह शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमें त्रिज्य + खण्ड शामिल है.

यहाँ पर खण्ड से तात्पर्य स्थान से है. अर्थात  दो त्रिज्या तथा उनसे कटे हुए चाप के द्वारा जो समतल क्षेत्र घिरता है, उसे ही त्रिज्यखण्ड कहते हैं.

वृत्त के सूत्र- formula of circle 

वृत्त का क्षेत्रफल Area of circle = π r2  

फार्मूला –  वृत्त की परिधि = 2 π r

अर्द्धवृत्त की परिधि = ( π r  + 2 r )

जैसा की आपको पता होगा कि पाई π का मन 22/7 होता है.

वृत्त से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बिंदु 

  • वृत्त का व्यास वृत्त की त्रिज्या से हमेशा 2 गुना होता है. अर्थात ब्यास = 2x त्रिजा 
  • किसी भी वृत्त के अंदर अनन्त त्रिज्याएँ खींची जा सकती हैं. आप वृत्त के अंदर जितने बिंदु लगा सकते हैं उतनी त्रिज्याएँ भी खिची जा जा सकती है.
  • किसी भी वृत्त में खिची गयी ब्यास उस वृत्त को दो बराबर भागों में बाँटता है और प्रत्येक भाग को हम अर्द्धवृत्त कहते हैं।
  • वृत के अंदर बहुत से जीवायें खिची जा सकती हैं जिनमें से सबसे बड़ी जीवा वृत्त की व्यास होती है. अगर आप से कोई पूछे की वृत्त की सबसे बड़ी जीवा को क्या कहते है तो आप बता सकते हैं वृत्त की सबसे बड़ी जीवा को ब्यास कहते हैं.
  • वृत्त के केंद्र से वृत्त की जीवा पर डाला गया लम्ब वृत्त की जीवा को दो बराबर भागों में विभाजित करता है.
  • एक वृत्त की समान जीवाएं अर्थात सामान लम्बाई की जीवायें वृत्त के केंद्र से समान दूरी पर होती हैं.
  • वृत्त के केंद्र के सबसे समीप जीवा सबसे बड़ी होती है. वृत्त की दो असमान जीवाओं में सबसे लम्बी जीवा केंद्र के अधिक पास जीवा होती है.
  • वृत्त के अंदर की समान जीवाएँ वृत्त के केंद्र पर बराबर कोण (angel) का निर्माण करती हैं.
  • सामान कोण बनाने वाली जीवाओं की लम्बाई भी सामान होती हैं 

पूछे गये प्रश्न

वृत्त की परिभाषा एवं उसके भाग कौन कौन है?

किसी एक निश्चित बिंदु के चारों ओर का स्थित समान दूरी पर बिंदुओं को मिलाने पर जो गोलाकार आकृति का निर्माण होता है, उसी को वृत्त कहते हैं

वृत्त का व्यास क्या होता है?
वह रेखाखंड जो केंद्र से होकर जाता है, और परिधि के दो बिन्दुओं में आपस में जोड़ता है, उस रेखा खण्ड को वृत्त का व्यास कहते हैं.
त्रिज्या खंड क्या होता है?
दो त्रिज्या तथा उनसे कटे हुए चाप के द्वारा जो समतल क्षेत्र घिरता है, उसे ही त्रिज्यखण्ड कहते हैं।
उम्मीद है इस पोस्ट में दी गयी , वृत्त की परिभाषा, व्यास की परिभाषा, वृत्त की त्रिज्या का सूत्र वृत किसे कहते हैं  vritt ki paribhasha, circle in hindi, vrat ka kshetrafal आदि की जानकरी आपको समझ में आ गयी होगी.
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