संज्ञा की परिभाषा एवं (Sangya Ki Paribhasha in Hindi) संज्ञा के भेद को पूरे विस्तार से बताया गया है इस लेख में. हमें बचपन से ही अंग्रेजी में नाउन और हिंदी में संज्ञा को पढ़ाया जाता है और यह बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक है. चाहे आप किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं या फिर किसी क्लास में पढ़ रहे हैं इसकी जानकारी होना बहुत ही ज़रूरी है.
तो दोस्तों आज हम इस लेख के जरिए संज्ञा की परिभाषा (Sangya Ki Paribhasha in Hindi) संज्ञा के भेद से जुड़ी तमाम बिंदुओं पर गहराई से चर्चा करेंगे. कृपया आप इस लेख को पूरा पढ़ें
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संज्ञा की परिभाषा- Sangya Ki Paribhasha in Hindi
संज्ञा की परिभाषा (Sangya Ki Paribhasha in Hindi) को समझने से पहले हमको संज्ञा क्या है इसको समझना होगा. संज्ञा को अगर आसान भाषा में समझे तो हम कह सकते हैं कि संज्ञा किसी भी वस्तु या व्यक्ति या उसके स्थान पर प्रयोग होने वाला कोई नाम है अर्थात संज्ञा किसी भी व्यक्ति का नाम या वस्तु का नाम हो सकता हैं आइए अब समझते हैं संज्ञा की परिभाषा क्या है?
किसी भी व्यक्ति या वस्तु के नाम को संज्ञा कहा जाता है
यदि संज्ञा का उदाहरण देने के लिए हम किसी का नाम ले सकते हैं जैसे रमेश या फिर किसी वस्तु का जैसे लकड़ी. आइए संज्ञा के भेद को समझते हैं.
संज्ञा के भेद
इसको को पांच भागों में बांटा गया है जो निम्नलिखित हैं
व्यक्तिवाचक संज्ञा
भाववाचक संज्ञा
जातिवाचक संज्ञा
द्रव्यवाचक संज्ञा
समूहवाचक या समुदाय वाचक संज्ञा
संज्ञा के प्रकार को समझने के पश्चात आइए इन सभी को प्रकारों को विस्तार पूर्वक पढ़ते हैं.
1 व्यक्तिवाचक संज्ञा
ऐसे शब्द जो किसी प्राणी, वस्तु यह जगह का बोध कराएं वे सभी शब्दों को व्यक्तिवाचक संज्ञा कहा जाता है, अर्थात व्यक्तिवाचक संज्ञा में व्यक्ति का भी नाम हो सकता है, स्थान का भी नाम हो सकता है, या किसी वस्तु का नाम हो सकता है. उदाहरण के तौर पर यदि हम यदि इस वाक्य को देखें जैसे – रमेश बहुत तेज बोलता हैं या सुरेश बहुत धीमें बोलता है तो यह दोनों नाम व्यक्तिवाचक संज्ञा की श्रेणी में आते हैं. यदि हम किसी देश का नाम लेते हैं जैसे भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका तो यह सभी व्यक्तिवाचक संज्ञा को दर्शाते हैं.
आइए व्यक्तिवाचक संज्ञा को वाक्य के रूप में समझते हैं
व्यक्तिवाचक संज्ञा का उदाहरण
राकेश प्रतिदिन स्कूल जाता है, अगर इस सेंटेंस में व्यक्तिवाचक संज्ञा को पहचानना हो तो इसमें राकेश एक व्यक्तिवाचक संज्ञा है.
नीचे दिए गए वाक्यों में व्यक्तिवाचक संज्ञा की पहचान करें
रविंद्र जडेजा एक अच्छा बैट्समैन है
धोनी भारत के सबसे अच्छे विकेटकीपर साबित हुए हैं
इलाहाबाद उत्तर प्रदेश में स्थित है
आगरा में ताजमहल स्थित है
तुम्हारे भाई का नाम राजेश है
सचिन रमेश तेंदुलकर का नाम क्रिकेट जगत में कौन नहीं जनता है?
अमिताभ बच्चन मेरे घर के बगल में आये थे.
कानपुर में ग्रीन पार्क स्टेडियम स्थित है.
इस बार का आईपीएल दुबई में खेला जायेगा.
सोनूसूद जैसे अभिनेता की देश को ज़रूरत है.
व्यक्तिवाचक संज्ञा को समझने के पश्चात आइए आप समझते हैं जातिवाचक संज्ञा को
जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा
जातिवाचक संज्ञा के नाम से ही स्पष्ट होता है कि यह किसी समूह की बात करता है. अतः यदि कहीं पर जातिवाचक संज्ञा के बात होगी तो जरूर किसी समूह को केंद्र में रखा जाएगा. जातिवाचक संज्ञा को कुछ इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है
वह शब्द जो किसी व्यक्ति वस्तु या जगह की संपूर्ण जाति का बोध कराते हैं वह सभी शब्द जातिवाचक संज्ञा की श्रेणी में आते हैं
उदाहरण के तौर पर यदि हम किसी स्कूल की बात करें तो इस स्कूल शब्द एक समूह को स्पष्ट कर रहा है. अतः स्कूल एक जातिवाचक संज्ञा की श्रेणी में आता है.
आइए जातिवाचक संज्ञा के कुछ उदाहरण को वाक्यों के रूप में देखते हैं
मेट्रो स्टेशन के पास से गाड़ियां गुजरती है
सभी प्रजातियों में शुतुरमुर्ग सबसे लंबा जीव है
पक्षी आकाश में उड़ते हैं
इंसान को हमेशा सच्चाई के मार्ग पर चलना चाहिए
देश के लिए आतंकवाद कभी भी अच्छा साबित नहीं होता है
इंसान को जीवों पर दया करनी चाहिए.
चोर पर कभी विश्वासपात्र नहीं हो सकता है.
अध्यापक को एक अच्छा दोस्त होना चाहिए.
बच्चे भगवान का रूप होते हैं.
हमारी जिन्दगी में डॉक्टर का होना बहुत ज़रूरी है.
अभी तक आप Sangya Ki Paribhasha in Hindi और संज्ञा के 2 भेदो के बारे में आप पढ़ चुके हैं अब बारी है अगले भेद को पढ़ने की.
भाववाचक संज्ञा की परिभाषा
वह शब्द जिसका उच्चारण किसी वस्तु या पदार्थ की अवस्था और दशा के भाव का बोध कराये तो उसे भाववाचक संज्ञा कहां जाता है. भाववाचक संज्ञा के शब्द से ही किसी की अवस्था का बोध होता है. जैसे उदाहरण के तौर पर गरीबी शब्द को देखें तो गरीबी शब्द से एक गरीब व्यक्ति के अवस्था का बोध होता है.
आइए देखते हैं कुछ भाव वाचक संज्ञा के उदाहरण. इन उदाहरणों से भाववाचक संज्ञा और स्पष्ट हो जाएगी
भाववाचक संज्ञा के उदाहरण
गरीबी, बचपन. बुढ़ापा, दोस्ती, क्रोध, प्रेम, स्नेह, सुंदरता, अभद्रता इत्यादि . आइए अब इन शब्दों को वाक्यों के रूप में प्रयोग करके देखते हैं.
उसने क्रोध में आकर अपने अध्यापक के हत्या कर दी थी.
रमेश मेरे बचपन का दोस्त है, जो कई दिन के बाद आज मिला है.
तुम्हारे दोस्त की सुंदरता भीड़ में सबसे अलग थी.
किसी भी इंसान के लिए बुढ़ापे की अवस्था सबसे कष्टदायक होती है.
अब तक इस लेख में हम व्यक्तिवाचक संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा, और भाववाचक संज्ञा को पढ़ चुके हैं. अब संज्ञा के अगले भेद को पढ़ने से पहले आइए आपको बताते हैं जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा कैसे बनाया जा सकता है?
साधारण शब्दों में अगर कहे तो जातिवाचक संज्ञा से ही भाववाचक संज्ञा का निर्माण होता है. जैसे मनुष्य से मनुष्यता, मित्र से मित्रता, बच्चा से बचपन इत्यादि.
द्रव्यवाचक संज्ञा
जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है कि द्रव्यवाचक संज्ञा के द्वारा किसी धातु का परिचय कराया जाएगा अर्थात किसी धातु का बोध होगा.
उदाहरण के तौर पर आइये इन वाक्यों को देखते हैं.
दुनिया में सोना सबसे महंगी धातु बन चुकी हूं.
विश्व में लोहा सबसे ज्यादा उपयोग की जाने वाली वस्तु है.
आज तक दुनिया में हीरे से चमकदार धातु की खोज नहीं हो पायी है.
हिन्दू धर्म में सिंदूर के बिना शादी नहीं हो सकती है
द्रव्यवाचक संज्ञा को पढ़ने के पश्चात आइये संज्ञा के भेद के सबसे अंतिम प्रकार को पढ़ते हैं.
समूहवाचक संज्ञा यह समूचे वाचक संज्ञा
संज्ञा का वह शब्द जो किसी समूह अर्थात किसी ग्रुप का बोध कराता है, तो उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं. समूहवाचक संज्ञा में एक से अधिक व्यक्ति या वस्तुओं का होना सबसे आवश्यक होता है. जैसे उदाहरण के तौर पर अगर सेना शब्द को बोला जाता है तो यह सेना शब्द समूहवाचक संज्ञा है क्योंकि इस सेना में कई 100 जवानों का समूह होता है. ऐसे ही अगर पुस्तकालय शब्द को बोला जाता है तो व्यक्ति समझ जाता है की पुस्तकालय में बहुत सारी पुस्तकें विद्यमान होती हैं.
FAQ
संज्ञा की परिभाषा क्या है? Sangya Ki Paribhasha in Hindi
सबसे आसान भाषा में कहें तो किसी व्यक्ति या वस्तु के नाम को संज्ञा कहा जाता है.
प्रश्न- संज्ञा के कितने भेद होते हैं उदाहरण सहित लिखिए?
संज्ञा को हिंदी के जानकारों के अनुसार पांच भागो में बाटा गया है जो निम्न हैं
व्यक्तिवाचक संज्ञा
भाववाचक संज्ञा
जातिवाचक संज्ञा
द्रव्यवाचक संज्ञा
समूहवाचक या समुदाय वाचक संज्ञा
प्रश्न -यशोदा हमारे घर की लक्ष्मी है, में संज्ञा क्या है?
संज्ञा किसी व्यक्ति या वस्तु का नाम है इसलिए इस शब्द में यशोदा एक संज्ञा है.
प्रश्न – संज्ञा किसे कहते हैं उसके कितने प्रकार हैं?
किसी व्यक्ति या वस्तु के नाम को ही संज्ञा कहा जाता है. इसके पांच प्रकार होते हैं.
प्रश्न – संज्ञा के मुख्यतः कितने भेद हैं?
संज्ञा के मुख्यता तीन प्रकार के होते है जो इस प्रकार हैं- जातिवाचक संज्ञा, भाववाचक संज्ञा और व्यक्ति वाचक संज्ञा.
प्रश्न- भाववाचक संज्ञा के कितने भेद होतेहैं?
भाववाचक संज्ञा के दो भेद होते हैं.
उम्मीद है आपको इस पोस्ट के जरिये, संज्ञा की परिभाषा (Sangya Ki Paribhasha in Hindi) और संज्ञा के भेद से संबंधित से जुड़े तथ्य समझ आ गये होंगे. इस पोस्ट को आप अपने दोस्तों के साथ भी साझा कर सकते हैं.