Kriya Ke Kitne Bhed Hote Hain | क्रिया के कितने भेद होते हैं

क्रिया के कितने भेद होते हैं (Kriya ke kitne bhed hote hain) इस विषय पर इस लेख में विस्तार से चर्चा की गयी है.

जिन एग्जाम में हिंदी विषय को पूछा जाता है उसमें इस टॉपिक से में प्रश्न पूछे जाते हैं.  चलिए विस्तार से पढ़ते हैं

क्रिया के कितने भेद होते हैं- Kriya ke kitne bhed hote hain

चलिए क्रिया के भेद को समझने से पहले आइये जानते हैं क्रिया किसे कहते हैं उसके बाद क्रिया के भेद के बारे में पढ़ेंगे.

Kriya Ke Kitne Bhed Hote Hain

क्रिया किसे कहते हैं

इस क्रिया के बारे में आसानी से समझें तो कह सकते हैं जिन शब्दों के द्वारा किसी कार्य का होना बताया जाता है उसे क्रिया कहते हैं. क्रिया का मूल शब्द धातु होती है.

धातु के द्वारा ही क्रिया का निर्माण होता है.

जितनी भी क्रियाएं होती हैं उन शब्दों के अंत में ना शब्द जुड़ा होता है. यदि आपको किसी किसी शब्द में क्रिया को पहचानना हो तो उस शब्द को देखो जिस शब्द के अंत में ना जुड़ा होता है.

जैसे – खेलना, कूदना,  नाचना, खाना, पीना, देखना, जाना, रोना, सोना इत्यादि.

धातु किसे कहते हैं 

धातु के द्वारा ही क्रिया का निर्माण होता है अतः आप यह कह सकते हैं कि धातु क्रिया का मूल रूप है.  बिना धातु के क्रिया का निर्माण होना मुश्किल है. कैसे आइये समझते हैं.

जैसे – बैठना क्रिया में ‘बैठ’ धातु उपस्थित है.
चलना क्रिया में ;चल’ धातु उपस्थित है ।
करना क्रिया में ‘कर’ धातु उपस्थित है ।

रोना में रो धातु उपस्थित है.
प्रायः हम किसी भी धातु में ‘ना’ प्रत्यय जोड़कर क्रिया का निर्माण  ।

 पहचान  – सामान्यता जिन शब्दों के अंत में ना जुड़ा होता है, क्रिया होती है.

क्रिया के भेद -Kriya ke kitne bhed hote hain

क्रिया को यदि कर्म के साथ देखा जाए तो क्रिया दो प्रकार की होती है.

  1. सकर्मक
  2. अकर्मक

सकर्मक – जिस वाक्य में क्रिया के साथ कर्म जुड़ा होता है तो उस क्रिया को सकर्मक क्रिया कहा जाता है. सकर्मक शब्द को सूक्ष्मता से देखें तो यह दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है, स+ कर्मक.

रमा खाना खाती है.

राम स्कूल जाता है.

मोहन क्रिकेट मैच खेलता है

तुम घूमने जाते हो.

राम अपना काम कर रहा है.

राधा रामायण पढ़ रही है

पिता जी गाना सुन रहे हैं.

उपर्युक्त वाक्यों में खाना, जाना, खेलना, घूमना, करना, पढ़ना, सुनना, सकर्मक क्रिया का उदाहरण है क्योंकि इनके साथ कर्म जुड़ा हुआ है.

अकर्मक – जिस वाक्य में क्रिया के साथ कर्म नहीं जुड़ा होता है तो उस क्रिया को अकर्मक क्रिया कहा जाता है.

ये तो कर्म के आधार पर क्रिया को दो भागो में बांटा गया है. आइये देखते हैं क्रिया और भागो के बारे में.

  1. सहायक क्रिया (helping Verb)
  2. पूर्वकालिक क्रिया (Absolutive Verb)
  3. नामबोधक क्रिया (Nominal Verb)
  4. द्विकर्मक क्रिया (Double Transitive Verb)
  5. सयुंक्त क्रिया (Compound Verb)
  6. क्रियार्थक संज्ञा (Verbal Noun)

उम्मीद है आप इस पोस्ट के माध्यम से  क्रिया के कितने भेद होते हैं (Kriya ke kitne bhed hote hain) की जानकारी प्राप्त हो गयी होगी. यदि इससे संबंधित आपका कोई सवाल है तो आप कमेंट के द्वारा पूछ सकते हैं.

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3 thoughts on “Kriya Ke Kitne Bhed Hote Hain | क्रिया के कितने भेद होते हैं”

  1. Sir Mane Aap ka post padha jo mujhe kaafi acha aur gyaan wardhak laga aap ke post ke shabd kaafi sedhe aur satik hai kam shabdo mai aapne bahut acha explain kiya hai.

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